Tuesday 16 February 2016

बकरी पीती दूध, दुही जाये गौ माता

गौ माता का दूध तो, है ही अमृत तुल्य |
तेरा गोबर मूत्र भी, औषधि रूप अमूल्य |

औषधि रूप अमूल्य, गाय इक और दुधारू| ||
करदाता वह गाय, हमेशा खुद पर भारू |

कर शोषण सरकार, बनी है भाग्य विधाता |
बकरी पीती दूध, दुही जाये गौ माता ||

No comments:

Post a Comment