Thursday 21 November 2013

कीचड़ पाया कमल, हाथ में चालू खुजली-



रखे ताजिया *जिया का, भैया अपने आप |
अविश्वास रविकर नहीं, पर करता है बाप |

पर करता है बाप, रही छवि अब ना उजली |
कीचड़ पाया कमल, हाथ में चालू खुजली |

चूर चूर विश्वास, किया क्या हाय शाजिया |
अंतर दिया मिटाय, कहाँ हम रखें ताजिया ||
*दीदी  

 बेटी की सहेली का यौन शोषण करने के बाद 'तहलका' के संपादक ने दिया इस्‍तीफा

chandan bhati 







हलका-फुलका दोष है, कर ले पश्चाताप |
यौनोत्पीड़न के लिए, कुर्सी छोड़े आप |

कुर्सी छोड़े आप, मात्र छह महिना काहे |
सहकर्मी चुपचाप, बॉस जो उसका चाहे |

लेता आज संभाल, देख लेता कल कल का |
तरुण तेज ले पाल, सेक्स से मचे तहलका || 

संगीत सोम और सुरेश राणा बीजेपी ने किया सम्मान

राजेश श्रीवास्तव 








 दागी बंदूकें गईं, चमकाई शमशीर |
लाज लुटी, बस्ती बटी, दंगाई तदवीर |

दंगाई तदवीर, महत्वाकांक्षा खाई |
दिया-सलाई पाक, अगर-बत्ती सुलगाई |

सूत्रधार महफूज, जली तो धरा अभागी |
बने पाक इक पक्ष, बनाये दूजा दागी ||




सही सोच वाले सभी, कांगरेस के साथ |
बाकी ना सुधरें कभी, कभी ना आवें हाथ |

कभी ना आवें हाथ, लगे पंजा नाखूनी |
दे पगही से नाथ, बैल को डालो चूनी |

देखा बछड़ा गाय, हाय रे बातें सतही |
शासन से उक्ताय, रहा अब तक नीरस ही || 


शान्ता के चरण ; मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन

सर्ग-३ 
  भाग-1 

शांता चलती घुटुरवन, चहल पहल उत्साह |
दास-दासियाँ रख रहे, चौकस सदा निगाह ||

सबसे प्रिय लगती उसे, अपनी माँ की गोद |
माँ बोले जब तोतली, होवे परम-विनोद || 


2 comments:

  1. हलका-फुलका दोष है, कर ले पश्चाताप |
    यौनोत्पीड़न के लिए, कुर्सी छोड़े आप |

    कुर्सी छोड़े आप, मात्र छह महिना काहे |
    सहकर्मी चुपचाप, बॉस जो उसका चाहे |

    लेता आज संभाल, देख लेता कल कल का |

    प्रासंगिक मार्मिक लेखन .पथ पारदर्शक पथ दिखाता .

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